लाहौर: पाकिस्तान-चीन संयुक्त वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (पीसीजेसीसीआई) के अध्यक्ष नजीर हुसैन ने पीसीजेसीसीआई सचिवालय में आयोजित एक थिंक टैंक सत्र के दौरान कहा कि, पाकिस्तान और चीन उच्च गुणवत्ता वाली चीनी का भरपूर उत्पादन कर सकते हैं और इसे दुनिया भर में निर्यात कर सकते हैं। उन्होंने कहा, चीन और पाकिस्तान के बीच गन्ना सहयोग एक ‘मीठी क्रांति’ लाएगा और उनकी दोस्ती को सचमुच ‘शहद से भी मीठा’ बना देगा। उन्होंने कहा कि, पीसीजेसीसीआई का उद्देश्य चीन और पाकिस्तान के लोगों और विशेषज्ञों को जोड़ना और उन्हें समकालीन विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
हुसैन ने दोनों देशों से उच्च गुणवत्ता वाली चीनी के उत्पादन के लिए गन्ना उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि, यदि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाता है तो वे दुनिया को चीनी निर्यात कर सकते हैं। उनका मानना था कि, पाकिस्तान का गन्ना उद्योग तब तक समृद्ध नहीं हो सकता जब तक कि उत्पादकों को अग्रणी गन्ना किस्मों तक पहुंच न मिले, जो रोगों के प्रति बहुत अधिक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए पीसीजेसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) मंसूर सईद शेख ने ‘ऊतक संवर्धन’ के अनुप्रयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जो गन्ने की खेती में क्रांति ला सकता है। उन्होंने बताया कि, चीनी उष्णकटिबंधीय कृषि विज्ञान अकादमी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण दे रही है। इसने 90 से अधिक देशों के 4,000 प्रतिभागियों के लिए 100 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 40 से अधिक युवा वैज्ञानिक मध्यम और दीर्घकालिक यात्राओं और आदान-प्रदान के लिए अकादमी में आए हैं। अकादमी ने कृषि प्रौद्योगिकी मार्गदर्शन के लिए 20 से अधिक देशों में अपने विशेषज्ञों को भी भेजा है। एसवीपी ने कहा, पारंपरिक बीज रोपण के लिए उपयुक्त नहीं हैं। रोग मुक्त पौधों का प्रजनन और रोपण गन्ना उत्पादन के लिए एकदम सही है।