नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) ने रविवार को 2024-25 के गन्ना पेराई सत्र के लिए चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 259 लाख मीट्रिक टन (LMT) कर दिया। हालिया अनुमान 265 LMT के पहले के अनुमान से 6 लाख टन कम है। पिछले सत्र में चीनी उत्पादन 319 लाख टन था।
NFCSF द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 15 मार्च 2025 तक देशभर में 204 चीनी मिलों में 2024-25 सीजन के लिए पेराई चल रही है। कुल 2545.17 लाख टन गन्ने की पेराई हो चुकी है, जिससे 237.15 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इसकी तुलना में पिछले सीजन में इसी अवधि के दौरान 358 चीनी मिलें चालू थीं और पेराई 2841.48 लाख टन तक पहुंच गई थी, जिससे 282.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
देश में चीनी रिकवरी दर पिछले सीजन की तुलना में कम है। 15 मार्च 2025 तक औसत चीनी रिकवरी दर 9.32% है, जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि में यह 9.95% थी।
NFCSF के आंकड़ों के अनुसार, राज्यवार उत्पादन के संदर्भ में, महाराष्ट्र में मिलों ने 831.75 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जिससे 78.60 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों ने 843.23 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जिससे 80.95 लाख टन चीनी प्राप्त हुई है। चीनी निकाय के अनुसार, कर्नाटक में 460.00 लाख टन गन्ने की पेराई के बाद चीनी उत्पादन 39.10 लाख टन तक पहुँच गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तीन प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों – महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश – में चीनी उत्पादन में गिरावट ने इस पेराई सत्र के उत्पादन के आंकड़ों में गिरावट में योगदान दिया है।