भीलवाड़ा में जल्द ही एथेनॉल प्लांट की स्थापना होगी, जिसके लिए बड़ी मात्रा में फीडस्टॉक की उपलब्धता की आवश्यकता होगी। इसलिए भीलवाड़ा में किसानों को मक्का की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने, विदेशी मुद्रा बचाने और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने के लिए राजस्थान के किसान मक्का उत्पादन बढ़ाकर एथेनॉल उत्पादन में योगदान दे रहे हैं।
चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा और बूंदी के साथ भीलवाड़ा राज्य के प्रमुख मक्का उत्पादक जिलों में से एक है।
भीलवाड़ा में किसानों को मक्का की खेती बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
वीके जैन, उपनिदेशक कृषि विभाग (विस्तार) भीलवाड़ा ने बताया कि केंद्र सरकार पेट्रोल में एथेनॉल मिलाकर पेट्रोलियम आयात कम करने के लिए मक्का आधारित एथेनॉल उत्पादन पर जोर दे रही है। राज्य में सबसे ज्यादा मक्का उत्पादन करने वाले भीलवाड़ा जिले को इस फसल की खेती साल भर करने का फायदा है। एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मक्का की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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