मनिला : श्रम अधिवक्ता वेनी सांचो ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा अमेरिका को निर्यात की जाने वाली चीनी पर लगाए गए 17 प्रतिशत टैरिफ के परिणामों पर आशंका व्यक्त की। उन्होंने कहा कि, फिलीपींस को संभावित नुकसान को कम करने और फिलीपींस से निर्यात की जाने वाली चीनी के लिए टैरिफ आवंटन पर ट्रंप प्रशासन की अप्रत्याशित नीति को देखते हुए चीनी उद्योग और उसके हितधारकों की भलाई के लिए नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपनी चीनी निर्यात उद्योग रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता हो सकती है। उन्होंने कहा कि, टैरिफ के कारण बढ़ी हुई लागत अमेरिकी बाजार में चीनी निर्यात को कम प्रतिस्पर्धी बना सकती है, जिससे चीनी निर्यातकों की बिक्री और राजस्व में कमी आएगी। जनरल अलायंस ऑफ वर्कर्स एसोसिएशन (GAWA) के महासचिव सांचो ने एक बयान में कहा कि चीनी निर्यातक अधिक अनुकूल व्यापार समझौतों या कम टैरिफ वाले अन्य देशों के लिए बाजार खो सकते हैं, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था को संभावित रूप से नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि, फिलीपींस से अमेरिका को चीनी निर्यात की मात्रा और मूल्य और फिलीपींस की अर्थव्यवस्था के लिए उनका महत्व इसको लेकर चीनी विशेषज्ञों को चीनी निर्यात डेटा का अध्ययन करना चाहिए। सांचो ने कहा कि, टैरिफ के परिणामस्वरूप अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि कंपनियां अपने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त लागत डाल सकती हैं। इससे मांग में कमी और आर्थिक विकास में कमी आ सकती है। उन्होंने अनुमान लगाया कि, टैरिफ से व्यवसायों और निवेशकों के लिए अनिश्चितता पैदा हो सकती है, जिससे निवेश और खपत में कमी आएगी। सांचो ने कहा कि, कंपनियाँ वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं या बाजारों की तलाश कर सकती हैं, जिससे संभावित रूप से व्यापार में बदलाव और वैश्विक व्यापार पैटर्न में बदलाव हो सकता है।