कैरो : कृषि और भूमि सुधार मंत्रालय के अनुसार, मिस्र ने 2025 तक चीनी उत्पादन में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, जिसका कुल उत्पादन 3 मिलियन टन से अधिक है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि, 2026 से मिस्र घरेलू मांग को पूरा करने के लिए चीनी आयात पर निर्भर नहीं रहेगा। यह उपलब्धि चीनी फसल की खेती, विशेष रूप से चुकंदर की खेती के विस्तार के परिणामस्वरूप प्राप्त हुई है। चुकंदर की खेती का क्षेत्रफल 2023 में 600,000 फ़ेडडन से बढ़कर 2025 में 780,000 फ़ेडडन से अधिक हो गया। किसानों को बढ़ी हुई खरीद कीमतों से और भी प्रोत्साहन मिला, जिसमें गन्ने के लिए दरें 2,500 ईजीपी (EGP) प्रति टन और चुकंदर के लिए 3,000 ईजीपी प्रति टन तक पहुँच गईं।
इस वर्ष की फसल में गन्ने से निकाली गई लगभग 620,000 टन चीनी और चुकंदर से लगभग 2.5 मिलियन टन चीनी शामिल थी। उत्पादन के आंकड़े पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाते हैं, जिससे मिस्र दशकों में पहली बार अपने प्रमुख खाद्य पदार्थों में से एक में आत्मनिर्भर बन गया है। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि, यह उपलब्धि चीनी आयात की आवश्यकता को समाप्त करके मिस्र के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव को कम करने में मदद करेगी। इससे खाद्य सुरक्षा में सुधार और स्थानीय बाजार में कीमतों में स्थिरता आने की भी उम्मीद है। मंत्रालय ने इस उपलब्धि का श्रेय सरकार द्वारा समर्थित कई कृषि पहलों को दिया, जिसमें चीनी जैसी रणनीतिक फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से अद्यतन खेती मार्गदर्शन और प्रोत्साहन कार्यक्रम शामिल हैं।