चंडीगढ़ : बायो-सीएनजी प्लांट में परिचालन तुरंत बंद करने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह कोटली के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने जालंधर—ठानकोट हाईवे को 3 घंटे तक जाम रखा। कोटली ने कहा कि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (एचसी) गुरुवार को प्लांट के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करेगा। सहकारी चीनी मिल में बायो-सीएनजी प्लांट के खिलाफ बुधवार को किसान यूनियनों, ग्रामीणों, बाजार संघों और कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भोगपुर में जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग को लगभग तीन घंटे तक जाम रखा, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, प्रशासन प्लांट में बायो मैनेजमेंट के लिए जालंधर और आस-पास के इलाकों से निकलने वाले कचरे को फेंकने की योजना बना रहा है, जिससे पूरा इलाका कूड़े के ढेर में बदल जाएगा। हालांकि, जिला प्रशासन और मिल अधिकारियों ने पहले ही इस दावे का खंडन किया है कि यहां नगर निगम के कचरे का प्रसंस्करण किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, प्लांट को चलाने के लिए केवल प्रेसमड का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाएगा, जो गन्ना पेराई के दौरान उत्पन्न होता है।
हालांकि, विधायक सुखविंदर सिंह कोटली के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जिला प्रशासन को प्लांट में परिचालन तुरंत बंद कर देना चाहिए। कोटली ने कहा कि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (एचसी) गुरुवार को प्लांट के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करेगा। उन्होंने कहा, हम बायो-सीएनजी प्लांट और भोगपुर चीनी मिल के बीच समझौते को रद्द करने की मांग कर रहे थे।उन्होंने कहा कि, संबंधित अधिकारियों ने प्लांट स्थापित करने से पहले ग्राम पंचायत से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया।
आदमपुर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मोदी ने कहा कि प्रशासन भोगपुर निवासियों की मांगों के साथ खड़ा है और प्लांट का संचालन शुरू करने से पहले हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, हमने प्रदर्शनकारियों से सड़क खाली करने की अपील की क्योंकि यह पंजाब को जम्मू और कश्मीर से जोड़ती है, जहां पहलगाम में एक घातक आतंकवादी हमला हुआ था।