उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त द्वारा पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना क्रय केन्द्रों पर पायी गयी अनियमितताओं पर की गयी कठोर कार्यवाही

उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री प्रमोद कुमार उपाध्याय द्वारा बताया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना कृषकों के हितों के दृष्टिगत जीरो टॉलरेन्स की नीति का अनुशरण करते हुए पेराई सत्र 2024-25 में अब तक कुल 16203 गन्ना क्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में गन्ना कृषकों के हितों को वित्तीय क्षति पहुंचाने वाले चीनी मिल अध्यासी, आई टी. हेड, तौल लिपिकों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए वसूली के आदेश निर्गत किये गये हैं ।

इस संबंध में विशेष जानकारी देते हुए आयुक्त द्वारा बताया गया कि कि गडौरा, गोरखपुर में घटतौली पकड़े जाने पर अभियुक्तों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में एफ. आई. आर. दर्ज करायी गयी है तथा अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के मामले में खम्भारखेड़ा, जनपद – लखीमपुर, मीरगंज मझौली, फरीदपुर परिक्षेत्र – बरेली, सितारगंज (उत्तराखण्ड), बेलवाड़ा, मुरादाबाद की चीनी मिलों पर एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है।

उन्होंने यह भी बताया कि पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिल गेट एवं वाहय क्रय केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान 31 गम्भीर प्रकरणों पर नोटिस जारी की गयी, जिनमें 40 तौल लिपिकों के लाइसेन्स निलम्बित किये गये तथा 11 लिपिकों के लाइसेन्स निरस्त किये जा चुके हैं तथा प्रदेश में कुल 11,26,746.06 मूल्य का 3073.91 कुण्टल अवैध गन्ना जब्त कर, अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के विरूद्ध 14 एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी हैं। उक्त के अतिरिक्त विभिन्न जिलाधिकारियों के स्तर पर 23 गम्भीर तथा 389 सामान्य मामलों में जमानत जब्त की कार्यवाही के साथ ही 03 मामलों में मा. न्यायालय में अभियुक्तों के विरूद्ध भी मुकदमें दायर कराये गये हैं।

आयुक्त द्वारा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि शासन के निर्देशानुसार गन्ना कृषकों के हितों के विरूद्ध कार्य करने पर जीरो टॉलरेन्स की नीति का अनुसरण किया जा रहा है यदि किसी भी कार्मिक / अधिकारियों की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके विरूद्ध सख्त दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी, ताकि वह दूसरों के लिए भी एक उदाहरण बन सके ।

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