नई दिल्ली: चीनी मंडी
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने बुधवार को कहा कि, अधिशेष चीनी की समस्या से निपटने के लिए बफर में 10 लाख टन की वृद्धि हुई है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा हाल ही में घोषित चीनी बफर स्टॉक में वृद्धि सकारात्मक कदम है, लेकिन चीनी अधिशेष की समस्या खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।
बफर स्टॉक सब्सिडी में 1,175 करोड़ रुपये से 1,674 करोड़ की वृद्धि से किसानों का गन्ना बकाया कम करने में मदद मिलेगी। बफर स्टॉक के रूप में मिलनेवाली सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जमा की जाएगी। हालांकि,चीनी उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, मूल्य निर्धारण में संरचनात्मक मुद्दों को देखते हुए गन्ना बकाया मुद्दा पूरी तरह से हल होने की सम्भावना काफ़ी कम है। इसके अलावा, चालू सीजन में 275 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) बनाए रखने का आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति का निर्णय कच्चे माल की लागत में वृद्धि को रोककर चीनी मिलों को राहत प्रदान कर सकता है, जो चीनी उत्पादन लागत का 70 से 75 प्रतिशत हिस्सा है।
कुल मिलाकर, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च को उम्मीद है कि, सब्सिडी में 500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी और संभाव्य अधिशेष में कमी के कारण चीनी मिलों के लाभ में वृद्धि होगी।
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