मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ फेडरेशन ने मौजूदा चीनी स्टॉक को इथेनॉल में बदलने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी है, इसके अलावा “सी” हैवी मोलेसेस, “बी” हैवी मोलेसेस और जूस को इथेनॉल में परिवर्तित करने का अतिरिक्त विकल्प है। सूखे की स्थिति और अन्य कई कारणों से देश में गन्ने की कमी होगी, लेकिन अभी भी देश और महाराष्ट्र में चीनी का अधिशेष है। इसलिए, चीनी को इथेनॉल में परिवर्तित करने की मांग उठाई गई है, जिससे अधिशेष की समस्या भी खत्म होगी और चीनी उद्योग को भी फायदा होगा।
महाराष्ट्र में “सी” हैवी मोलेसेस, “बी” हैवी मोलेसेस और जूस विकल्प के माध्यम से 51.30 करोड़ लीटर, 11.25 करोड़ लीटर, 0.45 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति की जाएगी, जिससे 63 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति होगी। 2019-20 के चीनी सीजन में पेराई के लिए कम गन्ना उपलब्ध होने की संभवना है। यह मुख्य रूप से गंभीर सूखे की स्थिति और अंत में औसत बारिश से नीचे चल रहे मानसून के कारण है।
मिलर्स का मानना है की की अगर चीनी से इथेनॉल में बदलने के लिए केंद्र से अनुमति मिल जाती है तो इससे उद्योग को राहत मिलेगी।
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