नई दिल्ली: चीनी मंडी
भारत इस साल 50 लाख टन के तय चीनी निर्यात लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम होने की संभावना है, जिससे बाजार में चीनी अधिशेष कम होने की उम्मीद की जा रही थी। चालू सीजन में अभी तक केवल 34 लाख टन ही निर्यात अनुबंध हुए है, और बचे हुए दो महीनों में 15 लाख टन निर्यात काफ़ी मुश्किल है।
उच्च उत्पादन लागत और कमजोर वैश्विक कीमतों ने निर्यात को ठप्प कर दिया है। यहां तक कि सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन भी वैश्विक कीमतों से मेल खाने में मदद नहीं कर सकते हैं। सरकार ने इस साल चीनी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन की पेशकश की है, जिसमें बंदरगाहों के लिए दूरी के आधार पर चीनी मिलों के लिए प्रति टन 1,000 से 3,000 टन प्रति टन के बीच परिवहन सब्सिडी शामिल है। वैश्विक आपूर्ति की कमी की संभावना के बीच उद्योग का लक्ष्य आगामी सीजन में 80 लाख टन चीनी का निर्यात करना है। कीमतें कमजोर हैं और लक्षित 50 लाख टन निर्यात मुमकिन नहीं हैं।
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