किसानों को उपचुनाव के कारण गन्ना बकाया भुगतान की उम्मीद…

जालंधर : चीनी मंडी

लंबे समय से चीनी मिलों से अपने बकाए का इंतजार कर रहे किसानों को अब फगवाड़ा उपचुनाव पर ही उम्मीद जगी है। उन्हें लगता है कि उपचुनाव के कारण, राजकीय दल वोट हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और इसके लिए वे किसानों को उनके लंबे समय से लंबित बकाये को प्राप्त करने में मदद करेंगे। विशेष रूप से, फगवाड़ा उपचुनाव होगा, क्योंकि भाजपा के विधायक सोम प्रकाश होशियारपुर से सांसद चुने गये है।

किसानों का मानना है की, जब चुनाव नज़दीक आते हैं, तो हर नेता हमारे पास आता है और हमारी शिकायतों को सुनता है। इसलिए, हमें लगता है कि हमें अपनी गन्ने की फसलों के लिए उचित भुगतान मिल सकता है, यह केवल चुनावों के दौरान होता है जब हमें सुना जाता है। राज्य में सरकारी और निजी चीनी मिलों द्वारा बकाया जारी करने की मांग को लेकर गन्ना किसानों ने पिछले साल दिसंबर में भारी विरोध प्रदर्शन किया था।अधिकारियों ने कुछ महीने पहले मिल मालिकों के साथ बैठक की थी और उनसे भुगतान जारी करने के लिए कहा था और उस समय 76 करोड़ रुपये का बकाया लगभग 57 करोड़ रुपये तक लाया गया था।

जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान की गई प्रतिबद्धता के अनुसार, चीनी मिल द्वारा किसानों को दैनिक आधार पर 45 लाख रुपये की राशि दी जा रही है। हालांकि, एक बड़ी राशि अभी भी देय है। किसानों ने कहा कि उनके पास अपने परिवारों को छोड़ने और धरने देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि, गन्ने की एकमात्र फसल थी जो राज्य को धान और गेहूं के दुष्चक्र से बाहर निकालने में मदद कर रही थी, लेकिन गन्ना किसानों की वर्तमान स्थिति बताती है कि सरकार ने फसल विविधीकरण की अवधारणा के बारे में शायद ही ध्यान दिया हो।

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