अहमदनगर : चीनी मंडी
त्योहारी सीजन आगाज़ होते ही चीनी की मांग बढ़ गई है, और चीनी की कीमतें भी बढ़ रही हैं। चीनी की कीमत 80 से 120 रुपये बढ़ गई है। इससे उन चीनी मिलों को राहत मिलेगी, जो चीनी की कम दर के कारण पीड़ित हैं। नगर जिले के निजी और सहकारी मिलों के गोदामों में लगभग डेढ़ लाख टन चीनी पड़ी है। अब खुदरा बाजार में चीनी की कीमतें बढ़ रही हैं।
पिछले साल जिले में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन हुआ था। चीनी की कम मांग के कारण मिलों के गोदामों में चीनी जस के तस पड़ी थी। चीनी कम भाव में बेचीं जा रही थी, जिससे मिलों को और नुकसान हो रहा था। चीनी उद्योग को संकट से बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ उपाय लागू किए थे, ताकि चीनी की कीमतों में सुधार आ सकें। जिसके तहत मिलों को प्रति क्विंटल 3,100 रुपये से कम दाम में चीनी बेचने से मना किया गया था।
कोल्हापुर, सांगली में बाढ़ के कारण क्षेत्र में गन्ना फसल बर्बाद हो गई है, और यहाँ की मिलें बाढ़ के कारण चीनी भी बेच नही पाई है। इसके कारण नगर जिले की मिलों से चीनी की मांग बढ़ गई है। व्यापारियों ने आने वाले दिनों में त्योहारों के कारण चीनी खरीदना शुरू कर दिया है। इसी कारण चीनी की कीमतें बढ़ रही हैं। मांग बढ़ने से अब चीनी की बिक्री बढ़ेगी। साथ ही आने वाले सीजन में बाढ़ के कारण चीनी का उत्पादन भी कम होगा। इसलिए, मिलों को शेष चीनी भंडार के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी। हालांकि, उपभोक्ताओं को अब महंगी चीनी खानी होगी।
बाढ़ ने राज्य में कई हजार हेक्टेयर पर फसलों को नुकसान पहुंचाया है। अन्य फसलों की तरह, अत्यधिक जलभराव से गन्ने को भी नुकसान हुआ है। इसलिए ऐसी उम्मीद है की इसका असर राज्य में चीनी उत्पादन पर हो सकता है। सीजन 2019-2020 में राज्य का चीनी उत्पादन लगभग 70 से 75 लाख टन रहने की उम्मीद थी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ के बाद यह 12 से 15 प्रतिशत तक गिर सकता है। गन्ने की कम उपलब्धता के कारण पेराई अवधि पर भी इसका असर पड़ेगा। पिछले कुछ महीनों से मिलर्स अधिशेष चीनी, चीनी के भाव में गिरावट, गन्ना बकाया और ख़राब मानसून के वजह से आर्थिक स्तिथि को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष कर रहे है, लेकिन अब उन्हें घरेलू बाजार में आयी तेजी से राहत मिलने की उम्मीद है।
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