महाराष्ट्र के चीनी मिलों ने की निर्यात की शुरुआत

देश चीनी अधिशेष से जूझ रहा है और इसलिए सरकार का मकसद चीनी निर्यात को बढ़ावा देना है। इसी के चलते 28 अगस्त को सरकार ने सीजन 2019-2020 के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात पर आर्थिक मदद देने का फैसला किया था। ऐसा अनुमान था की चीनी निर्यात दिवाली के बाद शुरुआत होगी। लेकिन महाराष्ट्र के चीनी मिलों ने निर्यात करना अभी से आरंभ कर दिया है।

चीनी उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के चीनी मिलों ने आज से निर्यात करना शुरू कर दिया है। चीनी की ज्यादा मांग एशियाई और अफ्रीकी देशो से आ रही है। मिलों द्वारा आज 20,000 मीट्रिक टन का निर्यात श्रीलंका, यमन और सोमालिया में हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, एक्स फैक्ट्री भाव 20,600 से 20,800 रूपये प्रति टन रहा ।

चीनी मिलें ब्याज के बोझ से त्रस्त है, इसलिए इसको कम करने के लिए और गोदाम में जगह बनाने के लिए चालू सीजन 2018-2019 का माल निर्यात होना शुरू हो गया है।

MAEQ कोटा का न्युनतम 50 प्रतिशत माल निर्यात करने के लिए चीनी मिलें जुट चुकी है, क्यूंकि इससे सरकार के तरफ से आर्थिक मदद मिलने में आसानी होगी। मिलों को आर्थिक मदद पाने के लिए MAEQ कोटा का न्यूनतम 50 प्रतिशत माल निर्यात करना होगा, तभी उन्हें 10,448 रूपये प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से आर्थिक मदद मिलेगी।

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