सरकार ने एथनॉल का भाव 2.85 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया, पहली बार बी श्रेणी के शीरे से तैयार एथनॅाल का भी दाम तय

चीनी के रिकार्ड उत्पादन से इसकी कीमतों में गिरावट और मिलों पर गन्ना किसानों के भारी बकाए की समस्या के बीच सरकार ने निम्न श्रेणी के शीरे (सी मोलैसेस) से उत्पादित एथनॉल का भाव 2.85 रुपये बढ़ाकर 43.70 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। यह दर दिसंबर 2018 से शुरू हो रहे नए सत्र के लिए होगी। सूत्रों ने आज यह जानकारी दी।
इसके साथ साथ पहली बार बी श्रेणी के शीरे से उत्पादित एथनॉल का भी मूल्य तय किया गया है और इसे 47.49 रुपये प्रति लीटर रखा है ताकि मिले एथनॅाल के उत्पादन की ओर अधिक प्रेरित हों।
सरकार की ओर से अभी तक सिर्फ सी श्रेणी के शीरे से तैयार किए जाने वालजे एथनॉल की कीमत की तय की जाती थी। सी श्रेणी के शीरे में चीनी की मात्रा बहुत कम रह जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।
सूत्रों के अनुसार , मंत्रिमंडल ने सी -मोलैसेस से उत्पादित एथनॉल की दर 2018-19 सत्र (दिसंबर-नवंबर) के लिए 40.85 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.70 रुपये लीटर कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि चीनी बाजार में नरमी से प्रभावित मिले चीनी के साथ साथ एथनॉल जैसे उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दें । इसी लिए (अपेक्षाकृत चीनी की अधिक मात्रा वाले) शीरे से एथनाल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार बी-श्रेणी के शीरे से उत्पादित एथनाल का मूल्य तय किया गया है।
गन्ने और चुकंदर के रस को पकाने के बाद पहले शीरा ही बनता है जिसे कई चरणों में और परिष्कृत कर चीनी तैयार की जाती है।

तेल विपणन कंपनियां चीनी मिलों से पेट्रोल में मिलाने के लिए एथनॉल खरीदती है। मिलों को एथनॉल की बिक्री से 2017-18 में चीनी सत्र में 5,000 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। मिलों ने 2017-18 सीजन में 113 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की है जो एक रिकार्ड है। पिछला रिकार्ड 111 करोड़ टन का था।
चीनी का इस साल उत्पादन 3.15 करोड़ टन के रिकार्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। इस समय मिलों की शिकायत है कि चीनी के भाव उत्पादन लागत से भी नीचे गिर गए हैं और उनके सामने नकदी का संकट है। मिला पर गन्ना किसानों का बकाया 22,000 करोड़ रुपये के आस पर पहुंच गया है।

सरकार ने मिलों को गन्ने का बकाया भुगतान करने में मदद के लिए छह जून को 8,000 करोड़ रुपए का सहायता पैकेज देने की घोषणा की है इसमें मिलों की एथनाल उत्पादन क्षमता के विस्तार के लिए सस्ते रिण के लिए सहायता भी शामिल है।
सरकार ने इससे पहले नयी एथनाल नीति की भी घोषणा की थी जिसमें उन्हें चीनी की अधिक मात्रा वाले शीरे और खराब अनाज आदि से एथनाल बनाने की छूट दी है।

SOURCEPTI

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here