हरिद्वार: एक ओर जहां गन्ना किसान चीनी मिलों से भुगतान नहीं मिलने पर कर्ज में डुबते जा रहे हैं। उनकी देनदारियों के बोझ बढ़े हैं। किसानों के पास पैसे नहीं है कि वे ज्वालापुर के गन्ना विकास समिति के पैसे चुका सकें। इस समिति ने हाल ही में साढ़े नौ हजार से अधिक किसान मतदाताओं की सूची जारी की और किसानों को 12 अक्टूबर तक समिति के कर्ज और हिस्सेदारी के पैसे जमा कराने को कहा। हजारों किसान आदेश का पालन नहीं कर सके। नतीजन, समिति ने हजारों किसानों के नाम चुनाव की मतदाता सूची से हटा दिया है। इन किसानों की संख्या तीन हजार से भी अधिक है। चुनाव अधिकारी पियूष आर्य ने कहा कि समिति के इस चुनाव में अब केवल 6736 किसान ही अपने मत दे सकेंगे। चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने का काम शुरु हो गया है।
खबरों के मुताबिक चुनाव में हजारों किसानों के नाम हटाने से उम्मीदवारों के समीकरण बिगड़ चुके हैं और वे अपनी नई रणनीति पर अधिक जोर दे रहे हैं।
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