फसलों के न्यूनतम समर्थन किमत तय न होने की वजह से देश के विभिन्न प्रदेशो में विविध किसान संघटनो द्वारा चलाए जा रहे अंदोलानो के बीच, मंत्री मंडल के अगले बैठक में खरीफ फसलों केलिए न्यूनतम समर्थन कीमत उत्पादन लागत के लगभग १५०% तक बढाने का निर्णय घोषित करने का आश्वासन, आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजीने किसानों को दिया.
प्रधान मंत्री आवास पर देश के कई राज्यों से उनसे मिलने आये किसानों से बातचीत करते हुए प्रधान मंत्रीजी ने किसानों को फसलों न्यूनतम समर्थन कीमत के विषय पर उनके
चिंताओंको दूर करते हुए उन्हें आश्वस्त किया. सामान्यत: मान्सून के आगमन के बाद जब किसान वर्ग बुआई शुरू होती है, तब फसलों का न्यूनतम समर्थन कीमत तय किया जाता है. इस साल अभी तक १६५ लाख हेक्टर क्षेत्र में बुआई पूरी हो चुकी है. इस समय पर किसानों से बातचीत करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा की, ‘ अगले दो सप्ताह में २०१८-१९ के मौसम केलिए गन्ने का एफआरपी यानी न्यूनतम दाम घोषत किया जाएगा, जो २०१७-१८ मौसम से अधिक होगा. इसमें ९.५% से अधिक रिकव्हरी देनेवाले किसानों को प्रोत्साहन राशी का समायोजन किया जाएगा.’ उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और पंजाब और अन्य राज्यों से १४० से अधिक किसान प्रधान मंत्री से मिलने आये थे. पिछले कुछ सप्ताह में सरकार ने गन्ना किसानों की २२००० करोड़ रुपयों की बकाया राशि अदा करने केलिए चीनी का न्यनतम दाम, चीनी का बफर स्टॉक बनाने सहित राहत पॅकेज की घोषणा की है. खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवानजी के मुताबिक़ गन्ना किसानों की बकाया राशि में ३००० करोड़ रुपयों की कमी हुई है. फसलों की न्यूनतम दाम तय करने के मामले में नीती आयोगने किसान संघटनों से बातचीत की है. इससे देश के किसान वर्ग में आत्मविश्वास निर्माण हुआ है.