नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: केन्द्र सरकार देश में चीनी मिलों की कार्य क्षमता और उत्पादन दक्षता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। सरकार की इस पहल के तहत अच्छा कार्य करने वाली चीनी मिलों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में आयोजित इंडिया इंटरनेशलन कॉपरेटिव ट्रेड फेयर में देशभर से आयी सहकारी और नीजि क्षेत्र की चीनी मिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इको फ्रेंडली वातावारण में चीनी उत्पादन कर पर्यावरण संरक्षण के साथ बेहतर कार्य का वातावरण निर्माण करने की प्रदर्शनी लगाई। देश और दुनिया भर से आयी तकरीबन 300 से भी अधिक सहकारी संस्थाओं की प्रदर्शनियों के बीच उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ को उनकी बेहतरीन प्रदर्शनी के लिए “आई.आई.सी.टी.एफ. अवार्ड फॉर एक्सीलेंस” के लिए चयनित कर पुरस्कार दिया गया। यूपी चीनी मिल संघ को यह पुरस्कार उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदान किया। चीनी मिल संघ को यह पुरस्कार सूबे के गन्ना किसानों को हितार्थ लिए किये गए प्रेरक निर्णयों से जुडी बेहतरीन प्रदर्शनी लगाने के लिए दिया गया है। इस प्रदर्शनी में चीनी संघ ने किसानों के कल्याण से जुडी सूचनाओं की शानदार फोटो प्रदर्शनी भी लगाई थी जिसे मेले में आए गन्ना किसानों और सहकारी क्षेत्र से जुडे लोगों ने काफी सराहा। प्रदर्शनी में आए लोगों ने अपने विचार चीनी मिल संघ की पुस्तिका में भी लिखा और यूपी शुगर मिल संघ के नावाचार आधारित कार्यों को गन्ना किसानों और चीनी मिलों के बीच समन्वय का एक आदर्श उदाहरण बताया।
उत्त्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक बिमल कुमार दुबे ने मीडिया से बात करते हए कहा कि उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन के मामले में देश का अग्रणी राज्य है । यहां के 40 से भी अधिक जनपदों में गन्ना उत्पादन होता है। इन जिलों में तकरीबन 35 लाख गन्ना किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहकारी समितियों से जुडे है। इन गन्ना किसानों के हितार्थ हर जिले में हमने नीजि और सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया है। प्रदेश में सरकार की योजनाओं से लेकर चीनी मिलों के कार्य कलेंडर से जुडी सारी तमाम सूचनाएं गन्ना किसानों तक कैसे पहुचाई जा रही है ये सभी जानकारियां हमने इस अंतर्राष्ट्रीय सहकारी मेले में लगाई गई प्रदर्शनी में प्रदर्शित की थी जिसे लोगों ने काफी सराहा ।
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