बिजनौर: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले सत्र का बकाया गन्ना भुगतान कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एक माह का समय दिया था। कोर्ट के आदेश की अवधि 15 अक्टूबर को खत्म हो चुकी है। मगर, चीनी मिले अभी तक किसानों का करोड़ों रूपये दबाए बैठी है। इस आदेश के बावजूद मिलें चुप्पी साधी हुई हैं। किसानों के मुताबिक बिजनौर जिले में चीनी मिलों का 230 करोड़ रुपए बकाये पर तकरीबन 40 करोड़ रुपए ब्याज बनता है जिसे चुकाने में मिलों ने असमर्थता जताई है।
किसानों ने आरोप लगाया की व्यवहारिक नियमों के अनुसार किसानों के गन्ना देने के 14 दिन के भीतर भुगतान किसान के खाते में चला जाना चाहिए, नहीं तो उस राशि पर ब्याज देना बनाता है। लेकिन चीनी मिलें टस से मस नहीं हो रहीं। न तो वे मूल राशि देती हैं और न हीं ब्याज।
खबरों के मुताबिक, बिलाई चीनी मिल पर 119.89 करोड़, बरकातपुर मिल पर 24.16 करोड़, चांदपुर चीनी मिल पर 40.57 करोड़ और बिजनौर चीनी मिल पर 45.91 करोड़ रुपया बाकी है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चीनी मिल मालिकों को गन्ना किसानों के सारा बकाया 31 अक्टूबर, 2019 तक भुगतान करने को कहा है। राज्य के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि इसका पालन न करने वाले चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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