सांपला (रोहतक): समय के साथ अब किसानों की खेती चलन में भी बदलाव आने लगा है। नई टेक्नोलोजी ने उनका ध्यान खींचा है। परंपारगत खेती की बजाय अव वे आधुनिक खेती की ओर झुकने लगे हैं। किसानों के इस रुख में बदलाव हरियाणा से शुरु हुआ है। उन्होंने इजराइल से इस बारे में तकनीकी जानकारी और मशीनों को खरीदना शुरू किया है। उनका मानना है कि नई टेक्नोलोजी से उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। सबसे पहले उन्होंने गन्ने के साथ जीरे की खेती शुरु की है। राज्य के आठ हजार किसानों ने बिजाई के लिए इजरायल से मल्टी सीडर मशीन खरीदा है। इस मशीन की कीमत भारत में डेढ़ लाख रुपए पड़ रही है। इस मशीन को खरीदने में भारतीय जैविक किसान सेवा केंद्र मदद कर रहा है।
आधुनिक तरीके से जैविक खेती करने वाले किसानों को एमओयू साइन करना होता है। इस एमओयू के तहत किसानों को अपनी फसल मंडी तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती। एमओयू के मुताबिक किसान के खेत से फसल सीधा ले लिया जाता है। एमओयू के अनुसार जीरे का रेट 280 रुपए प्रति किलोग्राम तो, वहीं गन्ने का भाव 550 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। किसानों की सुविधा के लिए राज्य के कई ईलाकों में सेवा केंद्र स्थापित किये गये हैं। डॉ दिलबाग गुलिया के अनुसार गत वर्ष राज्य में करीब 2 हजार किसानों ने जीरे व गन्ने की मल्टी क्रोप्स खेती की थी, लेकिन अब करीब 8 हजार किसानों ने इजराइल तकनीक से गन्ने व जीरे की बीजाई की है।
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