नई दिल्ली: 31 अक्टूबर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक ब्लॉग पोस्ट में उल्लेख किया कि 2,000 रुपये के करेंसी नोटों को इकट्ठा किया जा रहा है और बिना किसी व्यवधान के नोटबंदी की जा सकती है।
नोटबंदी के तीन साल से एक दिन पहले यानी 7 नवंबर को लिखे ब्लॉग पोस्ट में कहा गया कि 2,000 रुपये के नोट का एक हिस्सा प्रचलन में नहीं है और वर्तमान में “लेनदेन की मुद्रा के रूप में काम नहीं कर रहा है।”
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटेबंदी करने का फैसला किया था।
उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा है कि 2,000 रुपये के नोट का एक अच्छा हिस्सा वास्तव में प्रचलन में नहीं है, इसको इकट्ठा कर दिया गया है. इसलिए, 2,000 रुपये का नोट वर्तमान में लेनदेन की मुद्रा के रूप में काम नहीं कर रहा है और बिना किसी व्यवधान के नोटबंदी की जा सकता है। उन्होंने आगे इन नोटों को बिना किसी काउंटर रिप्लेसमेंट के बैंकों में जमा करने का सुझाव दिया। हालांकि, इसे लेकर अभी तक सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आपको बता दे, काले धन पर नियंत्रण पाने के लिए नोटबंदी की गयी थी, जिसके बाद सरकार की खूब आलोचना भी हुई थी।
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