पुणे: चीनी मंडी
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच फसा हुआ है गन्ना पेराई सीजन। वही दूसरी ओर गन्ना बकाया भी कुछ चीनी मिलों द्वारा नहीं चुकाया गया है। और अगर चीनी मिलें बकाया चुकाने में विफल रहती है तो उन्हें पेराई लाइसेंस मिलने में दिक्कत आ सकती है। एफआरपी का 100 प्रतिशत भुगतान करनेवाली मिलों को ही 2019- 20 के सीजन के लिए पेराई लाइसेंस दिया जायेगा।
कोल्हापुर और सांगली जिले में बाढ़ के कारण गन्ना फसल को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। बारिश और चुनाव की वजह से चीनी सीजन इस साल देरी से शुरू होने जा रहा है, मंत्री समिति की बैठक में चीनी सीजन शुरू करने की तारीख का ऐलान होगा।
नई सरकार के गठन में हो रही देरी के कारण, मंत्री समिति की बैठक अभी तक आयोजित नहीं की गई है। इससे चीनी उद्योग के आगे समस्याएं खड़ी हो गई हैं।
राज्य में किसकी सरकार बनेगी, यह अभी तक स्पष्ट नही हुआ है। इससे गन्ना पेराई प्रभावित हो रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री के चयन, और नए मंत्रिमंडल के बिना मंत्रियों की समिति की बैठक मुश्किल है। इस बीच, चीनी मिल जल्द शुरू होने की संभावना काफी कम नजर आ रही है।
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