यमुनानगर: हरियाणा गन्ना नियंत्रण बोर्ड (HSCB) की बहुप्रतीक्षित बैठक 13 नवंबर को होने वाली है। इस बैठक में वर्ष 2019-20 के दौरान गन्ना किसानों के भुगतान, गन्ना मूल्य तय करने और हरियाणा के गन्ना उद्योग से संबंधित कई मुद्दे पर बातचीत होगी। साथ ही चीनी मिलों और राज्य सरकार के बीच गन्ना मूल्य के फार्मूले को साझा करने के तरीके और पेराई सत्र शुरू करने पर भी बात होगी। बैठक में राज्य की सभी चीनी मिलों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
हरियाणा के अतिरिक्त गन्ना आयुक्त जगदीप सिंह बरार ने कहा कि HSCB की बैठक हरियाणा निवास, चंडीगढ़ में बुधवार को आयोजित की जाएगी। इसकी अध्यक्षता हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल करेंगे।
पिछले वर्षों में HSCB की बैठक की अध्यक्षता राज्य के कृषि मंत्री ने की थी, लेकिन इस वर्ष हरियाणा में अभी तक मंत्रिपरिषद का गठन किया जाना बाकी है। किसानों का कहना है की वे अपनी गन्ने की फसल की कटाई के बाद गेहूं की फसल बोते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे किसान अपनी गेहूं की फसल की बुआई समय पर कर सकेंगे, जब चीनी मिलें नवंबर के दूसरे सप्ताह तक अपना पेराई कार्य शुरू कर देंगी।
उन्होंने कहा कि किसान केवल तभी जीवित रह सकते हैं जब उनकी गन्ने की फसल चीनी मिलों द्वारा अच्छी दरों पर खरीदी जाए। पिछले साल हरियाणा में गन्ने की शुरुआती किस्म का रेट 340 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह, मध्य किस्म की दर 335 रुपये थी और बाद की किस्म की दर 333 रुपये प्रति क्विंटल हुई।
सरस्वती शुगर मिल्स यमुनानगर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीपी सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा गन्ने के मूल्य और चीनी मिलों के साथ शेयरिंग का फॉर्मूला तय होने के बाद उनकी मिलों में पेराई शुरु हो जाएगी।
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