देश के हर चीनी मिलों में बायोमास इथेनॉल संयत्र लगाने का सुझाव

नई दिल्ली, 13 नवम्बर: हरियाणा के पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनक़ड ने केन्द्रीय पर्याणरण मंत्रालय़ द्वारा प्रदेश के पानीपत में बायोमास इथेनॉल संयत्र लगाने के लिए दी गयी मंजूरी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के इस कदम से सूबे के किसानो को गन्ना और धान के अवशेष का सदुपयोग करने में मदद मिलेगी वहीं पराली जलाने की वजह से हो रहे पर्यावऱण प्रदूषण को रोकने में भी सहयोग मिलेगा। धनकड ने नई दिल्ली के हरियाणा भवन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में जितने भी गन्ना उत्पादक जिले है वहां जो चीनी मिलें चल रही हैं उन सभी मिलों में बायोमास संयत्र लगने चाहिए ताकि किसानों को पराली जलाने से रोकने के विकल्प मिल सके। धनकड़ ने कहा कि किसान पराली जलाते है उससे भूमि की ऊर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है, और कृषि उत्पादन भी प्रभावित होता है। अगर हर गन्ना और धान उत्पादक जिले में पहले से चल रही चीनी मिल में बायोमास संयत्र लगेंगे तो इस तरह की समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएगी। धनकड़ ने कहा कि इस टूजी इथेनॉल संयंत्र को बनाने में तकरीबन 776 करो़ड़ रूपये लगेंगें। हमारी मांग है कि केन्द्र सरकार गन्ना उत्पादक राज्यों को सब्सिडी देकर राज्य सरकारों को इसके लिए प्रौत्साहित करे ताकि हर राज्य इसमें रूचि ले और जहां पर भी चीनी मिलें हैं वहाँ बायोमास संयंत्र लगाये। पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि एनसीआर में हर साल अक्टूबर-नवम्बर माह में पराली जलाने की खबरें देशी विदेशी मीडिया की सुर्खियां बनती है। सरकार को चाहिए कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो तत्काल प्रभाव से इस तरह के संयंत्र लगाने की सरकार स्वीकृति दे ताकि यहां पर पराली जलाने से हो रहे पर्यावरण नुकसान को रोका जा सके।

बायोमास संयंत्र के लिए सरकार द्वारा दी गयी स्वीकृति के मसले पर मीडिया से बात करते हुए इंडिय़न ऑयल कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ महाप्रबंधक अरविन्द कुमार ने कहा कि सरकार चाहेगी तो इस तरह के बायोमास संयत्र हर ज़िले में जहां चीनी मिल है वहाँ लगाये जा सकते है। इस तरह के संयत्रों के लगने से इथेनॉल युक्त इको फ्रेंडली वाहन ज्यादा चलन में आएँगे और प्रदूषण भी कम होगा। कुमार ने कहा कि सरकार ने पैट्रोल मे् 10 फीसदी इथेनॉल मिलाने की अनुशंसा कर रखी है इस तरह के संयत्र लगने से इथेनॉल आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। कुमार ने कहा कि आईओसीएल द्वारा स्थापित किए जा रहे इस टू जी इथेनॉल संयंत्र की उत्पादन क्षमता 100 किलो लीटर प्रतिदिन है। इसके लिये हर दिन क़रीब 500 टन पराली की आवश्यकता होगी। इसकी आपूर्ति के लिए पानीपत सहित आसपास के ज़िलों से भी गन्ना और धान के अवशेष की आपूर्ति होगी। कुमार ने कहा कि यूपी में कई चीनी मिलों में इथेनॉल संयंत्र लगे हुए हैं लेकिन जहां अभी नहीं लगे हैं वहाँ पर संभावनांए बरकरार है।

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