पुणे : चीनी मंडी
राष्ट्रिय कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष प्रो. विजय पॉल शर्मा ने कहा की, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में चीनी उद्योग ने अहम भूमिका निभाई है, इसलिए सरकार भी चीनी उद्योग के मजबूती के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटी है। हालांकि, चीनी उद्योग को बड़ी चुनोतियों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए किसानों का हित ध्यान में रखते हुए इस उद्योग को चीनी के साथ साथ अब अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी।
वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (व्हीएसआई) की 44 वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में प्रो. विजय पॉल शर्मा बात कर रहे थे। ‘व्हीएसआई’ के उपाध्यक्ष दिलीप वलसे- पाटिल, भारती विद्यापीठ के कुलपति शिवाजीराव कदम, कृषि मूल्य आयोग के सलाहकार डी.ए. पाण्डेय, ‘व्हीएसआई’ के कृषि निदेशक विकास देशमुख, नियामक बोर्ड के सदस्य डॉ. इन्द्रजीत मोहिते, विधायक आशुतोष काले उपस्थित थे।
कृषि मूल्य आयोग ने चीनी उद्योग के लिए कई सुझाव दिए है, प्रो. विजय पॉल शर्मा ने कहा की, चीनी मिलों को सच्चे किसानों के साथ काम करना चाहिए। चीनी उत्पादन के साथ साथ अब नये विकल्प तलाशने चाहिए, जिससे मिलों और किसानों की आर्थिक स्थिती में सुधार आ सके। चीनी उद्योग के समन्वय, अनुसंधान और संवर्धन के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा।
दिलीप वलसे-पाटिल ने कहा की, ‘व्हीएसआई’ एक गैर राजनितिक संस्था है, जो चीनी उद्योग के विकास के लिए काम करती है। यह संस्था केवल सहकारी मिलों के लिए ही नही बल्कि निजी मिलें और तो और किसानों के साथ मिलकर उनकी हर मुमकिन सहायता करती है।
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