कोल्हापुर : चीनी मंडी
जिला कलेक्टर दौलत देसाई ने आदेश दिया की, बाढ़ग्रस्त गन्ने की पेराई को प्राथमिकता दे दी जाए और चीनी सीजन शुरू होते ही पहले तीन सप्ताह तक उसकी पेराई पूरी करें। उन्होंने यह भी कहा, मिलों द्वारा एफआरपी भुगतान में देरी किये गये किसानों की एक सूची प्रस्तुत करनी चाहिए।
चीनी आयुक्त ने शुक्रवार से चीनी सीजन आरंभ करने की अनुमति दी है और मिलों द्वारा पेराई सत्र शुरू हो गया है। बकाया एफआरपी और बाढ़ग्रस्त गन्ने के बारे में जिला कलेक्टर देसाई की मौजूदगी में किसान संघठनों और चीनी मिलर्स की संयुक्त बैठक हुई। बैठक के दौरान गन्ने की कटाई और एफआरपी पर चर्चा की गई। आंदोलन अंकुश, जय शिवराय और पूर्व विधायक उल्हास पाटिल के साथ साथ बलिराजा शेतकरी संघठन एफआरपी के लिए आक्रामक थे।बैठक में दूधगंगा चीनी मिल के अध्यक्ष के.के. पी पाटिल और दत्त -शिरोल मिल के अध्यक्ष गणपतराव पाटिल ने मिलर्स की बात रखी। कलेक्टर देसाई ने गन्ना कटाई के लिए श्रमिकों रोटेशन में काम देने का सुझाव दिया।
किसानों की मांग है कि, एफआरपी और अतिरिक्त दो सौ रुपये गन्ना मूल्य का मिलों द्वारा भुगतान होना चाहिए। इस मुद्दे पर मिलर्स द्वारा उनके प्रतिनिधि के. पी. पाटिल ने अपना पक्ष रखा। उनहोंने कहा की, बैंकों का ऋण, गन्ना कटाई लागत, पूर्व-मौसम ऋण पर ब्याज, बाजार में चीनी की दरें, यह सब चीजें ध्यान में रखकर गन्ना मूल्य का ऐलान करना उचित होगा।
इस पर किसान संघठनों के प्रतिनिधियों ने कहा की, पिछले सीजन में, मिलों ने एकमुश्त एफआरपी का भुगतान करने की बजाय टुकडों टुकड़ों में भुगतना करके एफआरपी कानून की धज्जियां उड़ाई है। इस साल मिलों को किसी भी हालात में एकमुश्त एफआरपी का भुगतान करना ही चाहिए।
इस बैठक में चीनी कार्यालय के सह निदेशक एस. एम. जाधव, आंदोलन अंकुश के धनाजी चुडमुंगे, जय शिवराय किसान संघठन के शिवाजी माने, बलिराजा शेतकरी संघठन के बी. जी. पाटिल के साथ साथ 16 मिलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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