चीनी मिलों को स्पष्ट करना चाहिए कि वे एकमुश्त FRP के साथ कितना अंतिम दर भुगतान करेंगे: शेतकरी संघठन

सांगली : चीनी मंडी

शरद जोशी की शेतकरी संघठन के नेता संजय कोले ने आरोप लगाया की, गन्ने की रिकवरी और देश में चीनी के अधिशेष को देखते हुए, किसानों को मिलों द्वारा एफआरपी से अधिक दर देने का वादा किसानों के साथ धोखाधड़ी है। उन्होंने मांग की कि, मिलों को स्पष्ट करना चाहिए कि, वे पहली एकमुश्त FRP के साथ साथ कितना अंतिम दर भुगतान करेंगे। कोले ने कहा कि, इस साल ऐसी आशंका जताई जा रही है कि, बाढ़ के कारण गन्ने की कमी हो सकती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है। बारिश के कारण गन्ना कुछ क्षेत्रों में पानी में डूबा जरुर है, लेकिन अन्य जगहों पर गन्ने की फसल अच्छी हुई है, इसके चलते मिलें अप्रैल के अंत तक पेराई कर सकती है।

कोले ने आरोप किया की, राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकरी संघठन हर साल पेराई की शुरुवात में एकमुश्त राशि की बात करते हैं, लेकिन पेराई के अंततः किसानों को कम पैसा मिलता है। रघुनाथ दादा पाटिल और राजू शेट्टी इन दोनों के किसान संगठन अत्यधिक दरों का लालच दिखाकर किसानों को धोखा दे रहे हैं। कर्नाटक द्वारा लागू झोनबंदी कोई नकारात्मक असर नही होगा, क्योंकि महाराष्ट्र की कुछ मिलें कर्नाटक से गन्ना लाने में सक्षम होंगे क्योंकि उनका पंजीयन बहु-राज्य चीनी मिल के तौर पर हुआ हैं।

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