मंड्या : कर्नाटक राज्य रयत संघ (KRRS) के.आर. पेट तालुका यूनिट ने शुक्रवार को जिले में पांडवपुरा सहकारी चीनी मिल (PSSK) और मायशुगर कंपनी लिमिटेड को पुनर्जीवित करने में राज्य सरकार की उदासीनता को देखते हुए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
दोनों मिलों को कई सैकड़ों गन्ना उगाने वाले परिवारों की जीवनरेखा माना जाता है और पिछले कुछ पेराई सत्रों के बाद से यांत्रिक / तकनीकी मुद्दों के कारण सीजन चलाने में बाधा आ रही है। जिसके कारण गन्ना किसानों समेत मिल के मजदूर भी काफी खस्ती हालात का सामना कर रहे है। मिल के पुनर्जीवित करने के मुद्दे पे किसान संघठनो ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
कर्नाटक राज्य रयत संघ द्वारा संघ के नेता बेलुंडागेरे थिमैया की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए शुक्रवार को तालुका यूनिट द्वारा के.आर. पेट में एक बैठक बुलाई गई थी। इस समय नेताओं ने मीडियाकर्मियों से बात की और मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा को दोनों मिलों को पुनर्जीवित करने के लिए तत्काल उपाय शुरू करने की मांग की। मारुवनाहल्ली शंकर ने कहा कि, जिले की सभी तीन निजी मिलें मायशुगर और पीएसएसके की सीमा में उगाए गए गन्ने की पेराई के लिए तैयार नहीं दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि, विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम सी.एन. अश्वथ नारायण और येदियुरप्पा के पुत्र बी.वाई. विजयेंद्र ने केआर विधानसभा क्षेत्र में मिलों को पुनर्जीवित करने का वादा करके किसानों से समर्थन मांगा था। उन्होंने चेतावनी दी की, सरकार को गन्ना किसानों की दुर्दशा पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और मिलों को तुरंत पुनर्जीवित करना चाहिए। यदि नहीं, तो KRRS संघ, सरकार को सबक सिखाएगी।
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