शामली (उत्तर प्रदेश): जिला मजिस्ट्रेट अखिलेश सिंह ने शनिवार को बताया कि शामली में पराली और गन्ने की पत्तियों को जलाने के आरोप में 45 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 3.5 लाख रुपये का जुर्माना जारी किया गया है, जिसमें से लगभग 2 लाख रुपये की वसूली की गई है।
सिंह ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम पराली और गन्ने की पत्तियां जलाने के लिए किसानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहते, इसलिए हम उन्हें समझा रहे हैं। हम किसानों को पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरुक करने के लिए ग्राम-प्रधानों के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हालांकि किसान हमारे प्रयासों के बावजूद पराली और पत्तियों को जला रहे हैं। अब तक हमने 3.5 लाख रुपये का जुर्माना जारी किया है। करीब 2 लाख रुपयों की वसूली हुई है। हमने पराली और गन्ने की पत्तियों को जलाने के लिए किसानों के खिलाफ 45 एफआईआर दर्ज की हैं। हमने उन इलाकों में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और स्टेशन कार्यालयों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं, जहां इस तरह की अधिक घटनाएं सामने आई हैं। हर अधिकारी पराली और पत्तियां जलाने पर अंकुश लगाने के लिए जवाबदेह है।”
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कचरा जलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में निर्देश जारी किए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के कारण एनसीआर में भारी वायु प्रदूषण होता है।”
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 और 2019 में 1 अक्टूबर से 25 नवंबर के दौरान पराली जलाने की घटनाओं के संबंध में राज्य के 26 जिलों के पुलिस अधीक्षकों से जवाब तलब किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
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