सातारा : चीनी मंडी
गन्ना मूल्य निर्धारित करने के लिए आयोजित बैठक शुरू होने में देरी की वजह से गुस्साए किसान संघठनों के प्रतिनिधियों ने ‘वाकआउट’ किया और जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में आंदोलन शुरू कर दिया। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से तत्काल बैठक शुरू करने का फैसला लिया गया और जिलाधिकारी के अनुरोध पर किसान संघठनों के प्रतिनिधि फिरसे बैठक के लिए उपस्थित हुए। प्रभारी जिलाधिकारी रामदास शिंदे की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सातपुते, सहायक पुलिस अधीक्षक समीर शेख उपस्थित थे।
जिलाधिकारी शिंदे ने बैठक में, पिछले साल का गन्ना मूल्य और बकाया भुगतान, और शुरू सीजन की समीक्षा की। किसान संघठनों के प्रतिनिधियों ने शिकायत की कि, एफआरपी के बाद के 200 रूपये किसानों को नही मिले। जिलाधिकारी शिंदे किसानों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, तौल में होनेवाली हेराफेरी को रोकने के लिए तहसीलदार के अधीन समिति के गठन का ऐलान किया। स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के राजू शेलके ने कहा की, सातारा जिले में चीनी की अच्छी रिकवरी होने के बावजूद किसानों को अच्छी दर क्यों नही मिलती, इतना ही नही पिछले साल का तकरीबन 53 करोड़ बकाया भुगतान अभी तक नही हुआ है। जिले के मिलर्स ने इस बैठक से मुंह मोड़ लिया और बैठक में मिलों द्वारा कार्यकारी निदेशक और मुख्य लेखापाल ही उपस्थित थे।
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