लखनऊ: गन्ना किसानों की नाराज़गी झेल रही उत्तर प्रदेश सरकार अब किसानों को खुश करने की कोशिशों में जुट गई है। राज्य में किसानों से ओवरलोडिंग के लिए वसूले जा रहे भारी जुर्माने की राशि को कम करने पर विचार किया जा रहा है, जबकि अन्य लोगों से समान अपराध के लिए भारी रकम वसूलना जारी रहेगा।
गौरतलब है कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत ओवरलोडिंग पर भारी जुर्माना वसूल किया जा रहा है। इसे इस साल 1 सितंबर को देशभर में लागू किया गया था, जिससे जुर्माने की राशि में कई गुना की बढोत्तरी हो गई है। अधिनियम लागू होने के कुछ महीने बाद, अब परिवहन विभाग कंपाउंडिंग शुल्क में संशोधन करने पर विचार कर रहा है। इसके तहत जुर्माने से संबंधित कंपाउंडिंग फीस में संशोधन का प्रस्ताव जल्द ही प्रदेश कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा। सरकार ने कैबिनेट नोट तैयार करने से पहले परिवहन, गृह, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य और गन्ना विभाग सहित लगभग आधा दर्जन विभागों से डेटा मांगा और फिर इसे कैबिनेट में रखा।
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित हुई खबर के मुताबिक, सभी विभागों से सूचना मिलने के बाद कंपाउंडिंग फीस में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जाएगा। किसानों को बोझ से बचाने के लिए कुछ रियायत देने पर विचार चल रहा है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों में कानूनी परमिशन से ज़्यादा गन्ना-पुआल आदि ढोते हुए पकड़े जाने पर किसानों से कम कंपाउंडिंग शुल्क वसूलने का प्रस्ताव है। ओवरलोडिंग से संबंधित कंपाउंडिंग शुल्क को दो भागों में बांटा जाएगा- एक किसानों के लिए और दूसरा अन्य लोगों के लिए। आपको बता दे, कंपाउंडिंग शुल्क आम तौर पर जुर्माने की राशि से 50% कम होता है।