नई दिल्ली, 28 दिसम्बर: केन्द्र सरकार देश में पुराने और अप्रासंगिक हो चुके लचर श्रम कानूनों को दुरुस्त करने की दिशा में अग्रसर है। चीनी मिलों में काम करने वाले मजदूरों और रोजी रोटी के लिए सेंवाए देने वाले कामगारों के कल्याण और विकास के लिए सरकार श्रम कानूनों में सुधार कर रही है। मजदूरों के हितों का ध्यान रखते हुए केन्द्र द्वारा राज्य सरकारों को भी इस दिशा में समय समय पर निर्देश दिए जाते रहते है।
सरकारों द्वारा लागू किए गए सख्त कानूनों के बावजूद देश के कई इलाकों में काम कर रहे मिल मजदूर अपनी रोजी रोटी के लिए ठेकेदारों के चंगुल में फंसते रहते है। महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, यूपी औऱ कर्नाटक में हर साल चीनी मिलों में काम करने वाले कामगारों के साथ दुर्घटना की शिकायते आती रहती है।
चीनी मिलों में कामगारों और मजदूरों के हाथ कटने, करंट लगने या अन्य कारणों से उनकी जान चले जाने जैसे कई मामले सामने आ रहे है। मिलों में काम करने वाले मजदूरों और कामगारों के साथ इस, तरह की घटनाओं को रोकने के मसले पर बात करते हुए भारत सरकार के श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए नई श्रमिक नीति लागू की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने श्रमिकों के व्यापक हितों को ध्यान में रख कर नई नीतियां बनाई है। देश में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले दक्ष और गैर दक्ष श्रमिकों की संख्या तकरीबन 45 करोड़ से अधिक श्रमिक है। इस वर्ग को व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने के लिए सरकार ने आरएसबीवाई स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री जीवन ज्योति, प्रधानमंत्री बीमार सुरक्षा योजना और जीवन एवं दुर्घटना बीमा प्रदान करने के लिए अटल पेंशन योजना की शुरुआत की है।
सरकार का मानना है कि स्वस्थ एवं समृद्द श्रमिक समृद्द राष्ट्र का निर्माण करता है इसी को ध्यान रखकर सरकार काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि चीनी मिलें हो या अन्य फैक्ट्रियां सभी को निर्देश दिए गए है कि श्रमिक हितों को लेकर वे संवदेनशील रहे। कार्यस्थल पर उनको बाकायदा सैफ्टी नियमों के अनुरूप ही कार्य की इजाजत दें। किसी भी गैर दक्ष कामगार को ऐसी जगह पर न लगाएं जहां उसने काम नहीं किया और उसका जीवन संकट में आ जाए।
भारत सरकार के पूर्व श्रम आयुक्त बीके सांवरिया ने कहा कि चीनी मिलों में श्रमिकों से जुडे सैफ्टी नियमों का पालन करना हर मिल के लिए बाध्यकारी है। अगर नियमों का उलंघन कर किसी श्रमिक से ज्यादा काम लेना या उसकी जान जोखिम में डालने जैसे काम में लगाना गैर कानूनी है। उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठान के खिलाफ सख्त कार्यवाई का प्रावधान है। सांवरिया ने कहा कि भारत सरकार ने 16 अक्टूबर 2014 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना शुरु की थी जिसका मकदस श्रमिकों के काम का सम्मान कर उनके प्रति समाज का नजरिया बदलना है।
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