पोंडा : चीनी मंडी
गन्ने की कटाई और ढुलाई का काम धीमी गति से चलने की यह शिकायत करते हुए राज्य भर के गन्ना किसानों ने 8 जनवरी, 2020 को संजीवनी चीनी मिल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। आंदोलन के माध्यम से गन्ने की कटाई करने के लिए जनशक्ति बढ़ाने की मांग की जाएगी।
गन्ना किसान संघ के अध्यक्ष राजेंद्र देसाई के अनुसार, सहकारिता मंत्री गोविंद गौड द्वारा गन्ने की कटाई करने के लिए जादा श्रमिक मुहैया करने के आश्वासन के बावजूद, मिल प्रबंधन आज तक अपनी गन्ना कटाई क्षमता बढ़ाने में विफल रहा है और किसान खुद फसल काट रहे हैं। जिसके कारण एक महीने में, खानपुर को केवल 6,000 टन गन्ने की आपूर्ति करने में किसान कामयाब रहे है। उन्होंने कहा कि, कटाई की वर्तमान गति में, हजारों टन गन्ना खेतों में सूख जाएगा और किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसानों ने इसे ध्यान में रखते हुए गन्ने की समय पर कटाई और ढुलाई के लिए मैनपावर बढ़ाने की मांग करने के लिए मिल परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
मिल अधिकारी एस.वी. सांगोडकर ने कहा कि, मिल ने पिछले 30 दिनों के लिए लगभग 6,400 टन गन्ने की आपूर्ति की है। श्रमिकों की कमी के कारण, कटाई में देरी हो रही है और कटाई धीमी गति से चल रही है। उन्होंने कहा कि, मिल के अधिकारियों ने खानापुर स्थित मिल को मैनपावर मुहैया कराने का आग्रह किया है, जिस पर उन्होंने सहमति जताई है। अभी केवल 34 टोलियां (1 टोली यानीं लगभग 20 श्रमिकों का एक समूह होता है) गन्ने की कटाई कर रहे हैं और मिल आने वाले दिनों में लगभग 15 और‘ टोलियों ’के काम में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं। वर्तमान में, लगभग 250 टन गन्ने की प्रतिदिन कटाई की जा रही है और अगर टोलियां भी शामिल हो जाती है तो गन्ना कटाई समय पर हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि, खानापुर मिल के साथ राज्य ने 15 मार्च तक गन्ना पेराई समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
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