लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चीनी मिल मालिकों ने किसानों से गन्ने की फसल खरीदना बंद कर दिया है, जिससे पूरे प्रांत में रविवार को गन्ने की पेराई बंद रही। पंजाब प्रांत की सरकार ने इस सीज़न में किसानों के हित में गन्ने के मूल्य में इजाफा किया है, जिससे मिल मालिक नाराज़ बताये जाते हैं।
चीनी मिलों के अचानक बंद होने से गन्ना किसान परेशान हैं। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे मे तुरंत हस्तक्षेप करने का मांग की है। एग्री-फोरम पाकिस्तान के चेयरमैन इब्राहिम मुगल ने कहा कि पेराई में देरी से किसानों को काफी नुकसान होगा, क्योंकि कटाई के बाद जल्दी पेराई नहीं किये जाने से गन्ने का वजन घट जाता है।
दूसरी तरफ़, पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (पीएसएमए) के चौधरी वाहिद ने कहा कि किसानों ने ख़ुद ही मिलों को गन्ने की आपूर्ति बंद कर दी है तथा गन्ने के बिना मिलों को चलाया नहीं जा सकता। इस समस्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ने के दाम बढ़ाकर ठीक नहीं किया। इससे बाद में चीनी की कीमतें बढ़ेगी तथा उपभोक्ता के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि पंजाब सरकार ने चालू पेराई सत्र के लिए गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की है। चीनी मिल मालिकों ने इसे स्वीकार नहीं किया और वे पेराई शुरू करना नहीं चाहते थे। सरकार के हस्तक्षेप के बाद, मिलों ने इस महीने की शुरुआत में पेराई तो शुरू की लेकिन किसानों से गन्ने की खरीद नहीं की। पता चला है कि शनिवार को चीनी मिल मालिकों के संगठन पीएसएमए ने रविवार से मिलों को बंद करने और किसानों से गन्ने की खरीद नहीं करने का फैसला किया, जिसे दक्षिण और मध्य पंजाब की मिलों ने मानने से इंकार कर दिया है। पंजाब खाद्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, प्रांतीय सरकार इस संबंध में चीनी मिल मालिकों के संपर्क में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही मिलों में पेराई शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को सरकार द्वारा घोषित मूल्य ही प्राप्त हों।
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