पोंडा: संजीवनी चीनी मिल के क्षेत्र वाले गन्ना किसानों ने गुरुवार को एक बैठक की और गन्ना कटाई की धीमी गति के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए, उनके खिलाफ 7 जनवरी को आंदोलन शुरू करने का फैसला किया। किसान लिखित आश्वासन की मांग करते हुए आंदोलन शुरू करेंगे कि सरकार गन्ना पेराई की जिम्मेदारी लेगी और उनके द्वारा गन्ने की कटाई के लिए भुगतान भी किया जाएगा।
किसानों के मुताबिक, इस साल सरकार ने मिल को शुरू करने के लिए भारी मेंटेनेंस लागत के कारण संजीवनी मिल के पेराई सत्र को रद्द कर दिया है। हालांकि, सरकार ने किसानों के फसल की जिम्मेदारी ली है, लेकिन अभी एक महीने का सीजन बचा हुआ है और पेराई सत्र जल्द ही समाप्त होने की संभावना है। किसान इसलिए भी चिंतित हैं कि, कटाई के लिए पड़ोसी राज्यों से लाए गए श्रमिकों की 34 टीमें अपने मूल स्थान पर लौटने लगी हैं, और उनकी फसल काटने के लिए कोई श्रमिक उपलब्ध नहीं होगा। इसी समस्या के चलते किसानों ने आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। किसानों ने गोवा सरकार को अगले साल कर्नाटक में अपना गन्ना नहीं भेजने की चेतावनी दी है। उनकी मांग है कि, संजीवनी मिल को अगले साल शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि, कर्नाटक को भेजे गये गन्ने का उन्हें भुगतान नहीं किया गया है, और न ही गन्ने के खरीद मूल्य में बढ़ोतरी है।
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