बागपत (उत्तर प्रदेश)। दो दिन लगातार हुई बारिश के कारण बागपत की कई चीनी मिलों में गन्ने की कमी महसूस हुई, लिहाजा उनमें पेराई का काम भी थम गया। इससे मिलों के साथ-साथ गन्ना किसानों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि लगातार दो दिन से रुक-रुककर बारिश होने से इलाके के विभिन्न गन्ना क्रय केंद्रों पर जलभराव हो गया, जिसके कारण न तो गन्ने का उठान हुआ और न ही तौल का काम शुरू हो पाया। इसी वजह से मलकपुर चीनी मिल सहित कईं मिलों में गन्ना नहीं पहुंचने से वहां नो केन हो गया। इससे किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। गन्ने का उठान रुक जाने से किसान अपने खेतों में गेहूं की बोआई नहीं कर पा रहे हैं। मलकपुर और किनौनी चीनी मिल के बरनावा, बिनौली, दरकावदा, दादरी, रंछाड़, बिजवाड़ा, धनौरा सिल्वरनगर, फतेहपुर पुट्ठी, जिवाना, जौहड़ी, सिरसली, बड़ावद सहित दर्जनों गन्ना क्रय केंद्रों पर जलभराव होने से तौल बंद है।
मलकपुर चीनी मिल के एक अधिकारी ने बताया कि उनके मिल में बुधवार की रात से गन्ने का स्टॉक खत्म है। गन्ना क्रय केंद्रों में बारिश का पानी भरने से न गन्ने का उठान हुआ और न तौल। गुरुवार को भी गन्ना क्रय केंद्रों पर तौल का काम शुरू नहीं हुआ। क्रय केंद्रों पर पानी सूख जाने के बाद ही गन्ने का उठान और तौल का काम शुरू होगा, जिसके बाद चीनी मिल में पेराई शुरू की जा सकेगी। किनौनी चीनी मिल भी नो केन की स्थिति में पहुंच गई है। किनौनी मिल के सहायक गन्ना महाप्रबंधक ने बताया कि क्रय केंद्रों पर जल निकासी की व्यवस्था की जा रही है। जल निकासी का काम पूरा होने के बाद ही गन्ने के उठान और तौल के काम शुरू हो पायेंगे। उधर, इन्हीं वजहों से गेहूं की बोआई भी पिछड़ गई है, जिससे क्षेत्र के किसान भी परेशान हैं।
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