ट्रक और बस ऑपरेटर्स के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने अपनी बड़ी मांगों के साथ कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। सरकार की ओर से ट्रांसपोर्टर्स को मनाने के बाद भी लाखों ट्रक और बस ऑपरेटर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि ट्रांसपोर्टर्स को मनाने की कोशिशें जारी हैं। इसी हड़ताल को देखते हुए सरकार ने दो दिन पहले ट्रकों की भार में बढ़ोतरी दी है, ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने अब दो ड्राइवरों की अनिवार्यता, फिटनेस सर्टिफिकेट और ओवरलोडिंग पर कुछ रियायतों की पेशकश की है। इन सब को बाजु में रखकर ट्रांसपोर्टर्स ने साफ कह दिया है कि उनकी हड़ता कल से चालू होगी ।
हड़ताल की वजह
डीजल कीमतों में कमी,
डीजल पर १८% जीएसटी लागु करे,
मौजूदा केंद्रीय व राज्य करों में कटौती,
टोल कलेक्शन सिस्टम बदले,
टोल प्लाजा पर ईंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की छूट मिले,
एजेंटों को होने वाला अतिरिक्त कमिशन खत्म हो,
बसों और पर्यटन वाहनों के लिए नैशनल परमिट मिले,
टीडीएस बंद करने और ई-वे बिल में संशोधन की मांग।
ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिए कि सरकार नैशनल परमिट पर दो ड्राइवर रखने की अनिवार्यता में छूट देते हुए एक ड्राइवरकी अनुमति देती है। फिटनेस हर साल के बजाय एक साल छोड़कर कराने की रियायत और ओवरलोडिंग पर 10 गुना टोल चार्ज के बजाय लोड ग्रेडिंग के आधार पर पेनाल्टी पर विचार किया जा रहा है।
एऑइएमटीसी के प्रेजिडेंट एस.के. मित्तल ने सभी पदाधिकारियों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि शुक्रवार से पूरे देश में सभी ट्रक, बस, लॉरी मालिक अपनी गाड़ियां सड़कों से दूर रखेंगे सूत्रों के मुताबिक कल से करीब 90 लाख ट्रक और 50 लाख बसें हड़ताल में शामिल होने की सम्भावना है।