भारत में चीनी का उत्पादन खर्च ३५ रूपये प्रति किलो है और आंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह खर्च २० रूपये प्रति किलो है। इस वजह से गंभीर परिस्थिति निर्माण हुई है। केंद्र सरकार ने चीनी से ज्यादा इथेनॉल निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है ऐसा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया।
महाराष्ट्र के चीनी मिलों के समस्या पर बातचीत करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में कल विधानभवन में बैठक हुई। इस बैठक को विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, सहकार मंत्री सुभाष देशमुख, ग्रामविकास मंत्री पंकजा मुंडे, कामगार मंत्री संभाजी पाटिल निलंगेकर, राज्यमंत्री विजय शिवतारे, विधानसभा विपक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, विधानसभा माजी अध्यक्ष दिलीप वळसे पाटिल, माजी उपमुख़्यमंत्री अजित पवार, सहकार विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. एस. संधू आदींसह चीनी मीलों से सम्बंधित आमदार भी उपस्थित थे।
इस बैठक के बाद मीडिया से हुए बातचीत में,”चीनी मिलों की हालत बहुत ख़राब है। सरकारने चीनी मिलों के लिए १०० करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की है। चीनी मिले अब गन्ने से चीनी उत्पादन के बदले इथेनॉल की निर्मिति करे ऐसा उन्होंने कहा। इथेनॉल से बड़े प्रमाण पर बिजली निर्मिति करने की सरकार की सोच है” यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताई। देशभर में मक्का और तिलहन की अधिक फसल होती है। देश में ७०% खाद्यतेल आयात होता है। इस आयात पर बहुत ख़र्च होता है। इसलिए गन्ने से इथेनोल निर्मिती करने से यह खर्चा बचेगा। और देश को पर्यावरणपूरक इंधन भी मिलेगा।