नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कर नीति प्रभाग की एक टीम ने अगले 5 वर्षों के दौरान संसाधन जुटाने पर 15वें वित्त आयोग को कल एक प्रस्तुति दी। आईएमएफ की टीम में प्रभाग प्रमुख श्री रुड डि मूइज, वरिष्ठ अर्थशास्त्री श्री अरविंद मोदी और अर्थशास्त्री सुश्री ली लुई शामिल थे। वित्त आयोग के आर्थिक सलाहकार परिषद के कुछ सदस्यों ने भी परिचर्चा में भाग लिया जिसकी अध्यक्षता वित्त आयोग के चेयरमैन श्री एन. के. सिंह ने की।
परिचर्चा मुख्य तौर पर सरकार के सामान्य कर संसाधनों में सुधार के लिए विकल्पों पर केन्द्रित थी। जीएसटी से राजस्व प्राप्ति में सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया। परिचर्चा के दौरान बताया गया कि राजस्व के मोर्चे पर वर्तमान संग्रह देश के लिए अनुमानित सीमा से काफी नीचे है। तुलनात्मक देशों के आंकड़ो के गहन विश्लेषण के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया। यह आगे चर्चा की गई कि जीएसटी एवं अन्य करों के अनुपालन और संग्रह दक्षता में सुधार के साथ-साथ दर ढ़ाचे को युक्तसंगत बनाने से भारत की स्थिति बेहतर होगी। इस सुधार को हासिल करने के लिए नीतिगत विकल्पों पर भी चर्चा की गई।
(Source: PIB)
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.