नई दिल्ली: कई किसान समूहों ने मांग की है कि सरकार विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत की चीनी नीतियों के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए ब्राजील के साथ कोशिश करे। गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो के आगमन के समय यह मांग सामने आई है। खबरों के मुताबिक, ब्राजील ने कहा की वे इस विवाद पर समाधान ढूंढ़ने के लिए तैयार है और इससे हमारे द्विपक्षीय सहयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में “किसान आंदोलन की भारतीय समन्वय समिति” (ICCFM) ने कहा है कि बोल्सनारो के नेतृत्व में ब्राजील सरकार गन्ना न्यूनतम मूल्य निर्धारण को चुनौती देकर सीधे तौर पर पांच करोड़ भारतीय गन्ना किसानों की आजीविका को खतरे में डाल रही है।
विवाद के बारे में पूछे जाने पर, ब्राजील के विदेश मंत्री अर्नेस्टो अराउजो ने द हिन्दू अखबार को बताया कि उनका देश इस मामले के संतोषजनक समाधान के लिए ओपन है। इसमें हम दोनों देशों को फायदा होगा।
आपको बता दे, ब्राज़ील समेत कई देशो ने डब्ल्यूटीओ में भारत द्वारा दिए जा रहे आर्थिक सहायता को चुनौती दी है। दुनिया का एक प्रमुख गन्ना उत्पादक ब्राजील, गन्ना किसानों का समर्थन करने के भारत की मौजूदा योजना के खिलाफ है, जिसमें दावा किया गया है कि, यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत नहीं है। और वही दूसरी ओर भारत ने इन आरोपों को ख़ारिज किया था यह कह कर की भारत की गन्ना किसानों और चीनी मिलों को सहायता डब्ल्यूटीओ के नियमों के अधीन है।
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