कुआलामपुर/नई दिल्ली: भारत-मलेशिया के बीच व्यापारिक तनाव के मद्देनजर इंडोनेशिया ने भारत से चीनी और अन्य उत्पादों के आयात बढ़ाने पर सहमति जताई है। मलेशिया से व्यापारिक तनाव को देखते हुए भारत ने भी मलेशिया के प्रतिद्वंदी इंडोनेशिया से पाम तेल की खरीद को बढ़ावा दिया है। भारत सरकार से जुड़े अधिकारीयों ने न्यूज़ एजेंसी रायटर को यह जानकारी दी है।
गौरतलब है कि दुनिया के 85 प्रतिशत पाम तेल उत्पादन में इंडोनेशिया और मलेशिया का योगदान है, जबकि भारत खाद्य तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत ने मलेशिया के आरोपों के मद्देनजर जनवरी के प्रारंभ से मलेशिया से परिष्कृत पाम तेल के आयात को प्रभावी ढंग से रोक दिया है।
आपको बता दे, मलेशिया ने नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 के खिलाफ बयान दिया था जिसके बाद भारत ने सख्त कार्रवाई की थी और मलेशिया से पॉम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिससे मलेशिया के आर्थिक व्यवस्था पर असर दीखता हुआ नजर आ रहा है।
दुनिया के सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक और निर्यातक इंडोनेशिया को मलेशिया के साथ भारत के रिश्ते खराब होने से सबसे बड़ा लाभ होगा।
इससे पहले भारत और मलेशिया में जारी राजनितिक खींचतान के बीच MSM मलेशिया होल्डिंग्स Bhd ने भारत से लगभग 130,000 टन कच्ची चीनी खरीदी है, जो 2020 की पहली तिमाही की आवश्यकता है। रिफ़ाइन्ड चीनी उत्पादक ने गुरुवार को कहा कि, उन्हें जनवरी और फरवरी के बीच तीन शिपमेंट के आने की उम्मीद है। समूह के सीईओ दातुक खैरिल अनुर अजीज ने कहा कि, 2019 में विभिन्न चीनी उत्पादक देशों से 900,000 टन से अधिक कच्ची चीनी का आयात किया गया है, जिसमें भारत भी शामिल है। उन्होंने कहा, हम भारत से चीनी आयात जारी रखेंगे।
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