पुणे : चीनी मंडी
गन्ना किसानों का कहना है चीनी रिकवरी पर तय होती है एफआरपी की दर और हालांकि चीनी रिकवरी निगरानी पर कोई भी नियंत्रण नही है। चीनी मिलें अगर 1 प्रतिशत रिकवरी भी चोरी करती है, तो किसानों को प्रति टन 300 रूपयें का नुकसान उठाना पड़ता है। इसी लिए चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा चीनी रिकवरी के लिए सक्षम व्यवस्था निर्माण करने की मांग प्रहार शेतकरी संघठन की तरफ से चीनी आयुक्त सौरभ राव से की गई है। प्रहार शेतकरी संघठन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा गन्ना तौल में होने वाली धांधली रोकने की मांग भी कई गई है।
राव से प्रहार शेतकरी संघठन के प्रतिनिधियों ने मुलाकात करके एफआरपी बकाया भुगतान भी जल्द से जल्द करने की मांग की। चर्चा के दौरान अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रहार शेतकरी संघठन के प्रवक्ता शंभूराज खलाटे ने कहा की, हम सरकार से गन्ना किसानों की समस्याओं का हल निकालने के लिए प्राथमिकता देने की उम्मीद करते है। वर्तमान पेराई सत्र में गन्ना किसानों का करोडो रूपयें गन्ना बकाया बाकी है, और जिसका जल्द से जल्द भुगतान किया जाना चाहिए। पिछलें सीजन की अभी भी राशि बकाया है, जिसका अब ब्याज समेत भुगतान करना चाहिए।
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