चंडीगढ़ (हरियाणा): हरियाणा की राज्य-संचालित सहकारी चीनी मिलों को पिछले चार वर्षों में मोलासेस की खरीद और गन्ने की तौल में गड़बड़ियों के कारण 3,300 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने यह आरोप लगाया है।
राज्य की भाजपा-जेजेपी सरकार का समर्थन कर रहे कुंडू ने बुधवार को यहां प्रेस कांफ्रेस में बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस बारे में सभी सबूतों और प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ एक पत्र दिया था जिस पर सीएम ने उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है। कुंडू ने आरोप लगाया कि गत 4 वर्षों में मिलों की बदनीयती के कारण धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर रहे, जिसके कारण सिर्फ महम चीनी मिल का ही जो घाटा 2013 में 13 करोड़ रुपये था, वह 2018-19 में बढ़कर 94 करोड़ रुपये हो गया। राज्य में ऐसी 10 मिलें और हैं जहां इसी प्रकार से गड़बड़ घोटाला हुआ है जिससे इन मिलों को नुकसान उठाना पड़ा। कुंडू ने इसमें एक पूर्व मंत्री की संलिप्तता की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसी वजह से सहकारी मिलों में केवल 8-9 प्रतिशत चीनी रिकवरी होती है, जबकि निजी चीनी मिलों में यह 12-13 प्रतिशत है। इसका अर्थ है कि लगभग 25 प्रतिशत चुपचाप गटक लिया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2016-2017 में 80,000 क्विंटल मोलासेस का कोई हिसाब-किताब नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाएंगे।
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