बिजनौर (उत्तर प्रदेश): गन्ना किसानों का आरोप है की यहाँ की चीनी मिलें उनके करोड़ों रूपये दबा कर बैठी हैं और किसान परेशान है। मिलों द्वारा किसानों को उनके गन्ने का नियमानुसार भुगतान नहीं किया जा रहा जिससे नाराज किसानों ने अब इस मसले पर किसान महापंचायत बुलाने का फैसला किया है। गन्ना किसान चार मार्च को यहां कलक्ट्रेट पर महापंचायत करके आगे की रणनीति बनाने पर विचार विमर्श करेंगे।
इस बारे में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से गन्ना समिति परिसर में किसानों की बैठक हुई जिसमें मिलों द्वारा समय पर गन्ने का बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर गहरा रोष जताने के साथ ही एक हफ्ते के अंदर गन्ने का भुगतान न होने पर चार मार्च को कलक्ट्रेट में महापंचायत करने का निर्णय लिया गया। बैठक में संगठन के वेस्ट यूपी महासचिव कैलाश लांबा ने कहा कि चीनी मिलों पर किसानों का अब भी बकाया है। वेव ग्रुप की चीनी मिल तो भुगतान करने का नाम ही नहीं ले रही। होली का त्योहार आने को है, प्रशासन को होली से पहले किसानों का शत प्रतिशत भुगतान कराना चाहिए।
संगठन के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही, जबकि विद्युत विभाग और बैंक बकाएदार किसानों की आरसी जारी कर रहे हैं। जब किसान को उसकी फसल का मूल्य ही एक साल बाद मिलेगा तो किसान हर महीने बिजली का बिल कहां से जमा करेगा। अब किसानों का और शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार मिलों से किसानों को उनके बकाए का शत प्रतिशत भुगतान कराए, वरना चार मार्च को कलक्ट्रेट में किसानों की महापंचायत बुलाकर आगे के आंदोलन की रूररेखा बनाई जाएगी।
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