नई दिल्ली,4 मार्च, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत सरकार देश के गन्ना बहुल इलाक़ों के अलग अलग संभागों में आईसीएआर के जरिए कृषि उन्नति मेले का आयोजन करेगी। राजधानी दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित कृषि विज्ञान मेले के दौरान मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश के किसानों की आमदनी को दो गुना करने में गन्ना और चीनी उद्योग की भूमिका महत्वपूर्ण है। गन्ना किसान और चीनी उद्योग की आर्थिक तरक़्क़ी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी है कि दोनों क्षेत्रों का कायाकल्प किया जाए, और ये तब ही संभव है जब गन्ना उद्योग और चीनी मिलों को नवाचारों से जोडकर आधुनिक तकनीक से युक्त किया जाए। कृषि मंत्री ने कहा कि आज का युग नवोन्मेषी प्रयोगों का युग है लेकिन देखने में आ रहा है कि गन्ने की खेती में हम अभी भी पुरानी पद्धतियों को अपना रहे है तो चीनी मिलों में भी वही पुरानी मशीनें काम कर रही है। आज गन्ने की ऐसी नई नई किस्में वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की जा रही है जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के प्रति न केवल सहनशील है बल्कि कम लागत में अधिक उत्पादन भी दे रही है। इसी प्रकार चीनी मिलों में ऐसी तकनीक से युक्त मशीने अपग्रेड होकर बाजार में आ रही है जिन्हे मिलों में लगाने से कम लेबर में अधिक काम होने के साथ मिलो की कार्य क्षमता और उत्पादन दक्षता दोनों में इजाफा हो सकता है।
मंत्री ने कहा कि पूसा में आयोजित होने वाले मेले में गन्ना किसान और चीनी उद्योग से जुड़े उद्यमी आते तो है लेकिन उनमें से अधिकांश उत्तर भारत के ही होते है। दक्षिण भारत के राज्यों और पूर्वोत्तर के राज्यों की भागीदारी बहुत कम होती है। इसलिए अब सरकार ने निर्णय लिया है कि भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए उत्तर भारत के अलावा अन्य राज्यों में भी कृषि विज्ञान मेलों का आयोजन किया जाएगा । इन मेलों में गन्ना और चीनी उद्योग से जुडे अभियान्त्रिकी विशेषज्ञ भी बुलाए जाएँगे जो नवाचारों पर अलग-अलग सत्रों मे व्याख्यान देंगे। मंत्री ने कहा कि गन्ना और चीनी उद्योग को सरकार समृद्द करने के लिए कार्य कर रही है। इसलिए आगामी दिनों में महाराष्ट्र,तमिलनाडु,कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यो में कृषि विज्ञान मेलों का आयोजन किया जाएगा जहां पर गन्ना और चीनी उद्योग की बहुतायत हो। मंत्री ने कहा कि अन्नदाता को मजबूत बनाने में गन्ना और चीनी उद्योग की भूमिका अहम है इसलिए इस क्षेत्र को सरकार प्राथमिकता देकर तकनीकी नवाचारों से जोड़ेगी । मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में अलग अलग राज्यों में जहां गन्ना और चीनी उद्योग की बहुलता है वहीं पर कृषि विज्ञान मेलों का आयोजन कर नवाचारों को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा । आगामी मई महीने से ही इसकी शुरुआत हो जाएगी। इसके लिेए कृषि विज्ञान केन्द्र नोडल ऐजेंसी का कार्य करेंगे और वित्तीय व्यवस्था कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
गन्ना और चीनी उद्योग के सरोकारों के विषय पर मीडिया से बात करते हुए नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि सांख्यिकी आकंडों के अनुसार देश के गन्ना और चीनी उद्योग में आज भी अन्य कृषि क्षेत्रों की तुलना में नावाचारों की बेहद कमी है जबकि ग्रामीण आबादी को रोजगार और चीनी मिलों को कारोबार देने के मामले में ये क्षेत्र सबसे आगे है। रमेश चंद ने कहा कि आज ज़रूरत कम लागत में अधिक उत्पादन लेने और लाभ दिलाने की है और ये तब ही संभव हो सकता है जब इस क्षेत्र में हम विविधताओं के साथ नवीनताओं को अपनायें।
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