कोरोनोवायरस (COVID -19) के प्रसार से दुनिया का कारोबार बुरी तरह से बिगड़ रहा है। लगभग हर क्षेत्र इसकी चपेट में है। इसका बड़ा असर कच्चे तेल पर भी पड़ा है। इसने उद्योग में हाहाकार मचा रखा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 30 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
हालही में OPEC देशों के बिच कच्चे तेल के आपूर्ति को घटाने के लिए हुई वार्ता विफल रही। कम मांग के चलते आपूर्ति घटाने पर रूस पीछे हट गया। इसके तुरंत बाद सऊदी अरब के अरामको (Aramco) ने तेल कीमत में भारी कटौती करने की घोषणा कर दी, इसके कारण तेल बाजार में प्राइस वार छिड़ने का डर पैदा हो गया है।
1991 की खाड़ी युद्ध के बाद तेल बाजार में सबसे खराब कीमत देखी गई क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 30 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है। गोल्डमैन सैश के विश्लेषकों का अनुमान है कि कच्चे तेल की कीमतें घटकर 20 डॉलर प्रति बैरल हो सकती हैं। इसके चलते पेट्रोल और डीजल के भाव में भी गिरावट देखि जा रही है।
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