‘घोड़गंगा’ ने दिया गन्ने का ३५० रूपये हप्ता

घोड़गंगा सहकारी चीनी मील से एफआरपी के ३५० रुपयों का हप्ता चीनी आयुक्त संभाजी कडु पाटिल इनके आदेश के बाद बैंक में जमा किया है ऐसा आमदार बाबूराव पाचर्णे ने बताया।

घोड़गंगा मिल में गन्ना दिए हुए गन्ना उत्पादक किसानों को ‘एफआरपी’ के तहत पहला हप्ता १५३५ रुपये दिया गया। लेकिन अगले हप्ते के अवसर पर कारखाने का सरकार के साथ बिजली समझोता ना होने के कारण ७२ करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। इस बारे में कडु पाटिल को मिलकर कारखानों की स्थिति बतायी है। इस के अनुसार आयुक्त ने दो दिन में ‘एफआरपी’ के मुताबिक़ पैसे देने के आदेश मीलों को दिए। उसके बाद शनिवार (दि.४) को तालुका के सभी जिला बैंक के शाखाओं को प्रति टन ३५० रूपये किसानों के खाते में जमा करने के लिए पत्र बैंकोंको मिला है, ऐसा पाचर्णे ने बताया।

दौरान घोड़गंगा का एफआरपी २४०० रूपये तय हुआ। उसके अनुसार पहले महीने में गन्ना किसानों को २४०० रुपये दिए गए थे। लेकिन आगे किसानों को १५४५ रूपये इतना ही हप्ता देकर श्रेणी के अनुसार आगे का हप्ता देने से पहले बिजली खरेदी समझोते का कारण बताकर ७२ करोड़ों का नुकसान बताया गया। अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक मिल ने एफआरपी की रकम देना अनिवार्य है। पाचर्णे ने बताया की चीनी आयुक्त के आदेश के मुताबिक कारखाने ने प्रतिटन किसानों को साढ़े तीनसौ रुपये हप्ते के रूप में वर्गीकृत किया है और बाकी पाँचसो पांच रुपये के लिए उनका अनुवर्ती पालन जारी रहेगा।

इस संबंध में पाचर्णे इन्होने जिला बैंक के शिक्रापुर शाखा मिल से आये एफआरपी रकम श्रेणी के अनुसार किसानों की यादि सुनिश्चित की गयी है। इस समय शिरूर बाजार समिति संचालक राहुल गवारे, जिला बैंक निवृत अधिकारी पांडुरंग दुर्गे, शाखाधिकारी नवनाथ खैरे और गन्ना किसान उपस्थित थे।

SOURCESakal

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