मुंबई: कोरोना के कहर से पुरे विश्व की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है, जिसका भारत में भी असर होता हुआ दीखता नजर आ रहा है। भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का दिन काला दिन साबित हुआ जब इसने अपने इतिहास की सबसे बुरी गिरावट को देखा। गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 2,919.26 अंकों (8.18 प्रतिशत) की भारी गिरावट के साथ 32,778.14 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 868.25 अंक (8.3 प्रतिशत) की गिरावट दर्ज कराते हुए 9,590.15 पर बंद हुआ।
आज 2017 के बाद यह पहला मौका है, जब निफ्टी 9,600 के स्तर से नीचे पहुंचा। शेयर बाजार के पतन के चलते निवेशकों के 11.42 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
आज दोपहर में सेंसेक्स 3,124.68 अंक यानी 8.75 फीसदी की ढलान के साथ 32,572.68 के स्तर पर आ गया था और निफ्टी 946.25 अंक यानी 9.05 फीसदी की गिरावट के साथ 9,512.15 के निचले स्तर जा पहुंचा था।
जानकारों का कहना है कि इस स्थिति से बाजार जल्द नहीं उबरेंगे और निवेशकों को थोड़ा सावधान रहना चाहिए। वायरस के अलावा कई कारक हमारे बाजारों में चिंताएं बढ़ा रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट बताते हैं कि अगले हफ्ते तकनीकी उछाल आने की उम्मीद है।
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