भविष्य निर्वाह निधि संघठन(ईपीएफओ) ने पिछले तीन महीनो से १५ करोड़ से ज्यादा सदस्यों के खाता में ब्याज रकम जमा नहीं की, इस वजह से कर्मचारिओं में संदिग्ध वातावरण निर्माण हुआ है। एक और महीना कर्मचारिओं के खाता पर ब्याज जमा होने की संभावना नहीं है ऐसा सुत्रोंने बताया।
केंद्रीय रोजगार और श्रममंत्री संतोष गंगवार इन्होने बताया की देरी के कारणों के लिए जानकारी ली जाएगी। कर्मचारियों का नुकसान नहीं होगा। उन्हें निर्धारित तारीख से ब्याज मिलेगा।
देश में लगभग १७ करोड़ ईपीएफओ के खाता धारक है। उसमे 5 करोड़ खाता धारक सक्रिय हैं। २० और उससे अधिक कर्मचारी संगठन ईपीएफओ की कक्षा में आती है। २०१५-१६ में ९,२१,००० पंजीकृत कंपनियां ईपीएफओ के कक्षा में है। २०१६-१७ में यही नंबर १०.२ करोड़ थी। सक्रीय खाता धारकों को नियमित भुगतान मिलता है और उनके ईपीएफ खाते पर नियमित रकम भी जमा की जाती है। मूल राशि के साथ हर महीना ब्याज भी मिलता है। हालांकि, मार्च के बाद ब्याज जमा करना बंद कर दिया है।सरकार ने हाल ही में कहा है कि ईपीएफओ का पैसा बाजार में लगाने का बताया है। इस वजह से अपना पैसा डूबा तो नहीं ना, यह संदेह कर्मचारिओं में निर्माण हुआ है।