कोल्हापुर : चीनी मंडी
कुंभी-कासारी सहकारी चिनी मिल के अध्यक्ष और पूर्व विधायक चंद्रदीप नरके ने कहा कि कम चीनी बिक्री दर, चीनी अधिशेष, ठप हुई बिक्री और बाढ़ से कम पेराई के कारण चिनी मिलें बडे वित्तीय का सामना कर रहीं है। यदि चीनी का न्यूनतम विक्री मूल्य बढ़ाया जाता है, तो ही चीनी मिलें वित्तीय घाटे से बाहर आ सकती है। इतना ही नही चीनी उद्योग के लिए प्रति टन 500 से 600 रुपये अनुदान, ऋण पुनर्गठन जैसे कदम भी सरकार हो उठाने चाहिए।
मिल के 2019-2020 पेराई सत्र के अंतिम समारोह के अवसर पर नरके बोल रहे थे। नरके ने कहा, अगर हालात ऐसे ही रहे, अगले सत्र में चिनी मिलें शुरू होना काफी मुश्किल है। प्रति टन 500 से 600 रुपये सब्सिडी ही मिलों को वित्तीय संकट से बचा सकती है। इस अवसर पर निदेशक आनंदराव शिवाजी माने और उनकी पत्नी शकुंतला माने के हाथों पूजा की गई। कार्यकारी निदेशक अशोक पाटिल, उत्तम वरुटे, मिल के निदेशक, अधिकारी व श्रमिक मौजूद थे।
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