सोलापुर जिले में २१ चीनी मीलों के पास १८७ करोड़ रुपयों की बकाया राशि है। लेकिन मिल मालिक किसानों के पैसे देने के लिए परिहार कर रहे है। इस वजह से विधायक पक्ष ने यह बात अब सत्ताधारी पक्ष के सामने रखी है। आने वाले १५ अगस्त के बाद गन्ना बिल के प्रश्न को लेकर जिले में हंगामा होने की संभावना है।
सोलापुर जिले में चीनी का उद्योग अच्छा होने के बावजूद भी किसानों को कुछ नहीं मिलता। इसलिए किसानों की संगठन बारबार आवाज उठा रही है। लेकिन पिछले दो वर्षों में सरकार ने तय किये हुए एफआरपी के पैसे देने को मिल मालिक परिहार कर रहे है। जिन किसानों का गन्ना क्रशिंग के लिया गया, उन किसानों का बिल दो यह मामूली मांग होने के बावजूद भी मिल मालिक अक्सर अनदेखा कर रहे है। जिला प्रशासन कानून का उपयोग करके हस्तक्षेप करके किसानों के बिल समय पर देने की जिम्मेदारी है लेकिन जिला प्रशासन ने भी इस बारे में हाथ ऊपर कर लिए है। इस वजह से विधायक पक्षसह अब शिवसेना ने भी यह मुद्दा सामने रखकर १५ अगस्त तक किसानों का मीलों ने बकाया रकम नहीं दियी तो तीव्र आंदोलन करेंगे ऐसा इशारा शिवसेना जिला प्रमुख लक्ष्मीकांत ठोंगे-पाटिल इन्होने दिया। इसकी पूर्वसूचना के लिए जिला रजिस्ट्रार को निवेदन दिया है। इस बारे में किसान संगठन भी आक्रमक होने के संभावना है, इसलिए जिले के बकाया राशि देने वाले मिल मालिकों पर आरआरसी रिव्हेन्यू रिकव्हरी सर्टिफिकेट इस कानून अंतर्गत कारवाई करने की मांग इस संगठन ने की है। किसानों को बकाया राशि ना मिलने के कारण आत्महत्या करने का समय आया है। इस आत्महत्या को चीनी मिल और शासन भी जिम्मेदार है इस वजह से मिल मालिकों के विरोध में बड़ा आंदोलन करने का इशारा कई राजकीय पक्ष और किसान संघठन ने दिया है।